Tuesday, January 7, 2014

अन्त:मन की आवाज

आज केजरीवाल जी की सरकार की चारों ओर प्रशंसा ही प्रशंसा हो रही है| देश आजाद होने के बाद से ही देश और प्रदेश में सरकारें बनती रही हैं, अब भी अलग अलग प्रदेशों में सरकारें बनी हैं, और आगे भी बनती रहेंगी| चुनाव में तरह तरह की घोषणाए की जाती हैं सरकार बनने पर उन्हें पूरा करने का प्रयास भी किया जाता है| फिर आम आदमी पार्टी की सरकार की ही इतनी तारीफ़ क्यों?

 प्रश्न तो भूत, वर्तमान और भविष्य को लेकर मेरे मन में भी बहुत हैं| कि "आप " की सरकार कैसी होगी?

हमारे देश में  पांच प्रतिशत से भी कम जनता राजनीति करती है शेष ९५ प्रतिशत जनता राजनीति के कर्णधारों से केवल अपनीं सुरक्षा और इमानदारी से सरकार के द्वारा दी गयी सुविधाओं का लाभ उठाने की चाह रखती है यह आम जन किसी दल जैसे कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा आदि किसी दल की गुलाम नहीं है|

 हम जैसे छोटे और आम जन किसी भी राजनैतिक दल से कुछ उम्मीदें रख कर सरकारें चुनते हैं| जब चुनी गई सरकार के द्वारा इस छोटे और आम जन का शोषण शुरू हो जाता है तो निराश होकर अन्य दल की सरकार बनवाई जाती है यह कर्म चलता ही आ रहा है

|सरकार बनाने के बाद कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर नजर आने लगता है| सरकारें लूट, खसोट में व्यस्त होकर आम आदमी की सुरक्षा न करके अपनी और अपने नेताओं की सुरक्षा करना, भय मुक्त समाज प्रदान करने के बजाय गुंडों को संरक्षण देना, नारी को सन्मान देने के बजाय उत्पीडन करने जैसे आदि कार्यों में व्यस्त हो जाती है|

"आप" ने अब दिल्ली में सरकार बना कर बागडोर सँभालते ही चुनाव में किये गए बिजली और पानी से सम्बन्धित वायदे को पूरा करके छोटे और आम जन का मन मोह लिया है|आज :आप की सरकार ने जनता की मूलभूत  आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में कार्य किया| जिसके कारण ही "आप"की इतनी प्रशंसा हो रही है

आपकी कथनी और करनी के फलस्वरूप ही दुसरे प्रदेशों की सकारों में भी खलबली  मच गयी है|इसके कारण ही आज "आप" की इतनी प्रशंसा हो रही है|

"आप" की सरकार को विधान सभा में बहुमत हासिल हो गया है| केजरीवाल जी आपने विधान सभा में १७ सूत्री कार्यक्रम की उद्घोषणा करके जनता का मन मोह लिया है|

अब दिल्ली की ही नहीं बल्कि पूरे देश की नजरें "आप" पर टिकी हैं कि केजरीवाल जी आप नायक की कसौटी पर खरे उतरते हुए कब तक अपने द्वारा की गयी घोषणाओं को पूरा करते हैं|

अन्त में मैं यही कहना चाहता हूँ कि यदि आप चुनौतियों को सहते हुए छोटे और आम जन की कसौटी पर खरे उतरते हैं तो आपके लिए दिल्ली दूर नहीं होगी|