Thursday, July 16, 2015

भ्रष्ट राजनीति|

आज की ताजा खबर में पढ़ा कि विश्व में सबसे ईमानदार श्रेणी में एक छोटा सा देश कनाडा पहले स्थान पर है, अमेरिका बाइसवे स्थान पर है| जबकि हमारे देश को इस लिस्ट में कोई स्थान नहीं मिला| जबकि आज भी हमारे देश में ईमानदार लोगों की कमी नहीं है|
इस खबर को पढ़ने से मन में एक प्रकार से दुःख भी हुआ और इस खबर ने इस स्थिति पर विचार करने पर भी विवश किया| आज हमारे देश में जगह जगह पर लूटपाट, चोरबाजारी, छिनाझपटी और मिलावट का बाजार गर्म है| अपराधी अपराध करके खुलेआम घुमते हैं और अपराधी के स्थान पर किसी निर्दोष को सजा हो जाती है|
मेरे देश में ऐसा क्यों होता है? काफी विचार करने पर मेरे विचार से इसमें सबसे बडा दोष सरकार का है|  सरकार में बैठे लोगों का है| सरकार में बैठे लोग ही ऐसी स्थिति पैदा करते हैं| जो कायदे क़ानून हमारे देश में हैं उसी प्रकार के क़ानून कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में भी हैं| अंतर बस इतना है कि हमारे देश की सरकार में बैठे लोग अपने निजी फायदे के लिए उन कायदे और क़ानून को मजाक बना देते हैं|
हमारे देश के नेताओं के एक से बढ़कर एक घोटाले पाए जाते हैं उसके बाद भी उनका जांच और आयोग बैठाने के चक्कर में कुछ नहीं बिगड़ता| और दोष किसी छोटे के ऊपर मढ कर मामले की इतिश्री कर दी जाती है|
कुछ लोग इस स्थिति को बदलने का प्रयास भी करते है और उनको जनता का भरपूर समर्थन भी मिलता है| लेकिन सरकार बनाने के बाद  उनकी भी स्थिति पहले वालों जैसी ही दिखाई देने लगती है कारण चाहे कुछ भी हों ऐसे व्यक्ति भी अपने आप को बदलने पर मजबूर हो जाते हैं या उनको बदलने पर मजबूर कर दिया जाता है| ऐसी स्थिति में जनता भी अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस करने के अलावा कुछ नहीं कर पाती|
अब अन्त में मैं बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि जब तक हमारे देश की सरकारें ईमानदार  नहीं होंगी तब तक हमारे देश में इसी प्रकार से लूट खसोट, चोरबाजारी, मिलावाटखोरी मारामारी के साथ साथ दबे कुचले लोगों पर दबंगों के अत्याचार और महिलाओं की बेइज्जती होती ही रहेगी| और हमारा देश सभी देशों से पिछड़ा हुआ, भ्रष्टाचारी देशों की श्रेणी में माना जाएगा| 

Monday, July 6, 2015

घोटाला |

घोटाला ही घोटाला, 
इस देश मे जहाँ देखो घोटाला ही घोटाला, 
पढ़ाई मे घोटाला, नौकरी के लिये घोटाला, 
नौकरी मे तरक्की के लिये भी होता घोटाला, 
यहाँ मंत्री के लिये घोटाला, मरीज के इलाज मे घोटाला, 
जांच की बात मे घोटाला, अरे तूने मुझ पर टाला, 
तो मैने उस पर टाला,उसने सरकार पर टाला, 
यूं ही लगता रहा मिर्च मशाला, व्याप्पम हो या हवाला, 
सरकार को लगी मिर्ची जांच आयोग का तड़का लगा डाला, 
इस तरह मामला ठंडा हुआ तो घोटाला रद्दी की टोकरी मे डाला,