Friday, April 4, 2014

अपनों को समर्पित |

अपने हैं तो प्यार है, तकरार है|
अपने हैं तो आस है विश्वास है||

             अपने हैं तो चाहत है, राहत है|
             अपने हैं तो बंधन है, स्पंदन है||

अपने हैं तो रूठना  है, मनाना है|
अपने हैं तो सपना है, जग अपना है||

              अपने हैं तो रीति है, सब से प्रीति है|
              अपने हैं तो महिमा है, जग में गरिमा है||

अपनों का प्यार नहीं तो यह जीवन सूना है|
प्यार की ताकत है जो उत्साह को करता दूना है||

              प्यार नहीं तो जीवन नहीं घुट घुट कर मर जाना है|
              अपनों का प्यार मिले इस भाव सागर से तर जाना है|| 

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