Monday, June 15, 2015

योग का विरोध क्यों |

आजकल योग को लेकर बहुत होहल्ला मचा हुआ है| केवल कांग्रेस ही नहीं बल्कि कुछ मुस्लिम नेता भी योग के खिलाफ आग उगलने पर लगे हुए हैं लेकिन क्यों? योग का सम्बन्ध किसी भी विशेष जाती, धर्म या सम्प्रदाय से नहीं है|

योग के करने पर व्यक्तिगत लाभ मिलता है| मुस्लिम समाज नवाज अदा करते हुए भी योग ही करते हैं यदि योग का सम्बन्ध केवल हिन्दुओं से ही है तो निश्चित रूप से मुस्लिम समाज को नवाज छोड़ देनी चाहिए|
कांग्रेस का तो बस एक सूत्री कार्यक्रम है मोदी जी के द्वारा किये गए कार्यों में खोट निकालने का काम| उनका इससे कोई मतलब नहीं कि यह सही है या गलत| अरे भाई जरा ध्यान से सोचो यदि योग में कोई खोट होता तो मोदी जी के आग्रह को स्वीकार करते हुए सारी दुनिया २१ जून को योग दिवस के रूप में मनाने के लिए क्यों राजी होते|

यदि हम जाति, धर्म और सम्प्रदाय से अलग हठकर विचार करें तो हमारे साधू संतों और पीर पैगम्बरों ने अपने अपने तरीके से मानव जाति को स्वस्थ रखने के लिए योग को धर्म से जोड़ा है| ताकि धर्म के डर से ही सही मानव योग करके अपने शरीर को स्वस्थ रख सके|

हिन्दू लोग प्रात: में दैनिक कार्यक्रम से निर्वर्त होकर जमीन पर बैठकर योग की मुद्रा में पूजा करते हैं| एकचित होकर ऊपरवाले का चिंतन करते हैं| समय समय पर योग के अनुसार उपवास करना चाहिए| इस प्रक्रिया को करने के लिए भी धर्म से इस प्रकार जोड़ा गया है कि लोग धर्म के अनुसार ही सही सप्ताह में एक बार उपवास रक्खें| यदि सप्ताह में भी न रख पायें तो दो सप्ताह में एक बार त्रोदसी के रूप में ब्रत रक्खें| यदि ऐसा भी न कर पायें तो महीने में एक बार ही सही पूर्णमासी के ब्रत के रूप में एक बार अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ब्रत करें|

इसी प्रकार मुस्लिम समाज में भी योग को धर्म से जोड़ा गया है| नवाज अदा करते हुए भी अनेक प्रकार के योग करते हैं| रोजा रखना भी योग से सम्बंधित ही है| मनुष्य यदा कदा कुछ भी खाता रहता है जिसको पचाने के लिए शरीर की पेट रुपी मशीनरी कार्य करती रहती है क्या कभी सोचा है कि जिस प्रकार हम पूरे दिन कार्य करने पर थक जाते है तो विश्राम करते हैं| ठीक उसी प्रकार से पेट रुपी मशीनरी भी थकती होगी| उसको भी विश्राम मिलाना चाहिए| उसे विश्राम दिलाने के लिए ही उपवास और रोजे आदि का विधान रक्खा गया है|

अन्त में मैं सभी से आग्रह करना चाहता हूँ कि अच्छे कार्यों में कभी भी राजनीति से प्रेरित होकर रोड़ा नहीं अटकाना चाहिए| योग से पूरे मानव समाज का ही भला होगा| इसको धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए| इस प्रकार के व्यक्ति जरा ठाडे दिमाक से सोचें कि योग का विरोध क्यों?

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