Friday, September 12, 2014

मौन घोटाला|

हमारा भारत देश सोने की चिड़िया कहा जाता है| वैसे इसमे कोई शक भी नहीं है| इसे कभी गैरों ने लुटा तो कभी अपनों ने| इसके बावजूद हमारा देश अपनी आन बान और शान के साथ अडिग खड़ा हुआ है| पहले आपसी फूट  के  कारण अंग्रेजों ने भारत को लूट कर अपनी तिजोरी भरी| वह भी देश के चन्द लालची कुत्तों के कारण ही संभव हो सका था|
हमारे देश के अनगिनत लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी देकर इसे अंग्रेजों के चंगुल से इसलिए आजाद कराया था कि अब देश की भोली भाली जनता सुख चैन की साँसों के साथ अपना जीवन व्यतीत करेगी| लेकिन  ऐसा कुछ भी नहीं हुआ आज हमारे देश की  हालत देख कर उन अमर शहीदों की आत्मा रो पड़ती है जिन्होंने इस देश को आजाद कराने में अपने प्राणों की आहुति दी थी|
सत्ता के लालच में आदमी कहाँ तक गिर सकता है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है| माननीय मनमोहन सिंह जी ने सत्ता के मोह में अंधे होकर अपने मंत्रियों को दोनों हाथों से लुट खसोट करने की पूरी छुट दी हुई थी| जिन्होंने जनता की मेहनत से कमाए धन को अनेक प्रकार के घोटाले करके अपनी तिजोरी को भरने में कोई कमी नहीं छोड़ी| और मनमोहन जी अपनी मनमोहनी मुस्कान लिए मौन रह कर सब कुछ देखते रहे|
इस प्रकार के धन और सत्ता के लालची लोगों के कारण ही पहले हमारा देश गुलामी की जंजीरों  में जकड़ा गया था| अत: इस प्रकार के जयचंदों से होशियार रहने की आवश्यकता है| अन्त में मेरा अपने देश के कर्णधारों से अनुरोध है कि उनको इस देश की जनता की सुख सुविधाओं के कार्यों में धन का प्रयोग करना चाहिए| और इस प्रकार के लालचियों को कानून के द्वारा सजा दिलानी चाहिए

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