Saturday, October 26, 2013

विधार्थी|

विधार्थी कैसा होना चाहिए? विधार्थी के अन्दर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कौन कौन सी विशेषताएं होनी चाहिए? इस विषय में कहा गया है कि:-
    
                                              काक चेष्टा वको ध्यानम श्वान निद्रा तदेव च |
                                              अल्प हारी  ग्रह त्यागी  विधार्थी  पंच लक्षणं   ||

विधार्थी के अंदर कव्वे जैसी लग्न, बगुले की तरह पढाई पर ध्यान तथा कुत्ते जैसी तुरंत जागने वाली नींद होनी चाहिए| विधार्थी को कम भोजन करना चाहिए ताकि आलस्य दूर रहे| ग्रह त्यागी अर्थात घर के शोर शराबे से दूर रहना चाहिए|

 पुराने समय में विधा ग्रहण करने हेतु बच्चों को गुरु के आश्रम में भेजते थे| आज भी बच्चों को गुरुकुल या होस्टल में शिक्षा प्राप्त करने हेतू भेजा जाता है| यदि बच्चे घर पर ही पढ़ते हैं तो उन्हें घर के एकान्त स्थान पर या अलग कमरे में ही पाठन कार्य करना चाहिए|

एक बार एक लड़का गुरु जी के पास पढने के लिए आया| गुरु जी ने देखा कि लड़का कुछ मंद बुध्धि है. परन्तु लड़के के अन्दर उपरोक्त सभी विशेषताएं थी| इसी कारण गुरु जी भी उस बालक का विशेष ध्यान रखते हुए एक ही बात को बार बार पूछने पर समझाते थे| गुरु जी उसे पढाने में गुस्से और प्यार दोनों का प्रयोग करते थे आहिस्ता आहिस्ता गुरु और शिष्य का परिश्रम रंग लाया, और उस मंद बुध्धि बालक ने उच्च शिक्षा प्राप्त की| जैसे करत करत अभ्यास के जड़ मत होत सुजान|

ऐसे बहुत उदाहरण हैं कि निर्धन व्यक्ति का बच्चा भी इन्ही गुणों के कारण अनेक कष्टों को सहता हुआ उच्च
  शिक्षा प्राप्त कर लेता है|

आज के इस आधुनिक युग में शिक्षा देना व् शिक्षा लेना दोनों ही कार्य का आधुनिकरण हो गया है  गुरु, शिष्य के सम्बन्ध बदल गए हैं गुरु अपने कर्तव्य को भूल कर अतिरिक्त समय में पढ़ा कर धन इकठ्ठा करते हैं, जबकि गुरु को अपने शिष्य को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए|

आज के इस आधुनिक युग में परिवार के द्वारा मिली सुविधाओं के कारण शिष्य के अन्दर भी आज के इस आधुनिक युग की हवा प्रवेश कर गयी है| माना कि हमें समय के साथ साथ चलना चाहिए परन्तु होता उल्टा है| बच्चे इस आधुनिक युग की हवा में चलते ही नहीं बल्कि दौड़ने लगते हैं जिसके कारण वह अपनी दशा और दिशा दोनों से भटक जाते हैं|

अत:अभिभावकों को भी अपने व्यस्त समय में से थोडा सा समय निकल कर अपने बच्चों के प्रति बहती इस आधुनिक हवा के साथ तालमेल बिठाकर उन्हें ऊँचे आदर्श और उच्च शिक्षा दिलाने हेतु उन पर नजर रखते हुए प्रयत्नशील रहना चाहिए|

No comments:

Post a Comment