Thursday, October 31, 2013

अन्न और मन|

खान पान का मनुष्य के रहन सहन, स्वास्थ्य, आचार विचार और व्यवहार पर बहुत प्रभाव पड़ता है| खान पान के अनुसार ही मनुष्य के अन्दर गुण या अवगुण आते हैं| खाना दो प्रकार का होता है| राजसी खाना तथा तामसी खाना|

राजसी खाना खाने वाले व्यक्ति में रजो गुण तथा तामसी खाना खाने वाले व्यक्ति में तमो गुण का समावेश होता है| प्राय:राजसी भोजन खाने वाला व्यक्ति सहनशील, गंभीर और दूसरों के प्रति समर्पित होता है तथा तामसी भोजन खाने वाले व्यक्ति का स्वभाव अक्सर चिडचिडा और गुस्सेला होता है| कहते हैं कि:-

                      जैसा खाए अन्न वैसा हो मन | जैसा पीये पानी वैसी हो वाणी ||

उपरोक्त के विषय में एक घटना इस प्रकार है| एक साधू ने भ्रमण करते करते रात्रि होने पर किसी गाँव में पहुँच कर एक ग्रामीण का दरवाजा खटखटाया| और रात्रि विश्राम की इच्छा प्रकट की| उस व्यक्ति ने साधू को आदर सहित अपने घर पर ठहरा कर व् भोजन खिला कर घर के बरामदे में विश्राम हेतु बिस्तर बिछा दिया|

बिस्तर पर लेटने के बाद साधू ने देखा कि आँगन में एक बहुत सुन्दर हस्ट पुष्ट घोडा बंधा है| उसे देख कर साधू के मन में विचार आया कि मुझे पैदल चल कर गाँव दर गाँव जाने में कष्ट होता है| यदि यह घोडा मेरे  पास हो तो मैं शीघ्र ही दुसरे गाँव पहुंच सकता हूँ|

ऐसा विचार कर साधू आधी रात के बाद आँगन से घोडा चुरा कर आगे के लिए चल दिया| चलते चलते भोर हो गयी तो उसे दिशा मैदान अर्थात मल त्यागने की इच्छा हुई तो घोड़े को एक पेड़ से बांध दिया|

उपरोक्त कार्य से फारिग होने पर जब साधू घोड़े के पास आया तो अचानक से मन में विचार आया कि जिस व्यक्ति ने मुझे रात्रि विश्राम के लिए स्थान दिया मैंने उसी व्यक्ति का घोडा चुरा लिया| साधू मन ही मन बहुत दुखी हुआ कि मैंने यह घ्रणित कार्य क्यों किया?

ऐसा सोचने पर साधू ने वापिस आकर घोडा उस व्यक्ति को वापिस लोटा दिया| घोडा चुराने का पश्चाताप कर साधू ने उस व्यक्ति से पूछा कि तुम क्या काम करते हो? उस व्यक्ति ने कहा मैं चोरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता हूँ|

इस पर साधू ने कहा कि ठीक है मुझे मेरे मन के डामाडोल होने का उत्तर मिल गया| मैंने तुम्हारे यहाँ एक समय का अन्न जल खाया पिया है जिसके कारण मेरा मन डोल गया| और मेरे द्वारा यह घ्रणित कार्य होगया| भोर में मल त्यागने के बाद ही मेरी भ्रमित बुध्धि  ठीक हुयी|

अत: अन्न और मन का आपस में गहरा रिश्ता है| हमें अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि हमारा तन और मन दोनों स्वस्थ रहें| 

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